देहरादून: उत्तराखंड में शत प्रतिशत टीबी मरीजों को गोद लिया जाएगा। राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त उत्तराखंड का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए प्रदेश मुख्यालय से लेकर जिला व ब्लॉक स्तर पर कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
सोमवार को सचिवालय स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार से चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में आयोजित देशभर के स्वास्थ्य मंत्रियों की वर्चुअल बैठक में प्रतिभाग किया।
बैठक में मंत्री धन सिंह रावत ने आगामी 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक चलने वाले रक्तदान अमृत महोत्सव की तैयारियां, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान व आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन की जानकारी साझा की।
विभागीय मंत्री ने बताया कि वर्तमान में प्रदेशभर में 15143 टीबी मरीज हैं। जिनमें से 74 फीसदी टीबी मरीजों ने रोग निदान के लिए सहयोग के लिये अपनी सहमति जताई है। जिसे शीघ्र ही शतप्रतिशत करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि टीबी रोगियों के उपचार परिणामों में सुधार के लिये अतिरिक्त पोषण, जांच एवं उपचार में सहायता प्रदान करने के लिये सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित कर निक्षय मित्रों की पहचान की जा रही है। जिसके लिये जनप्रतिनिधियों, राजनीतिक दलों, उद्यमियों, सहकारी समितियों, पंचायतीराज विभाग,एनजीओ, विभिन्न संस्थानों एवं समाज के विशिष्ट लोगों का सहयोग लिया जायेगा।
डॉ.रावत ने बताया कि रक्तदान अमृत महोत्सव के लिये अब तक 50 हजार लोग पंजीकरण कर चुके हैं। अधिक लोगों को रक्तदान करने के लिये प्रेरित किया जा रहा है। राज्य में 50 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके है और 5.50 लाख से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। इस पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने डॉ. धन सिंह रावत के प्रयासों की प्रशंसा की।
बैठक में प्रभारी संचव एवं मिशन निदेशक एनएचएम डॉ.आर.राजेश कुमार,निदेशक एनएचएम डॉ. सरोज नैथानी,डॉ. पंकज सिंह, वित्त नियंत्रक खजान चन्द्र पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।