शिमला: मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा है कि जनजातीय क्षेत्रों से संबंध रखने वाले वीर नायकों का स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान रहा है। लाहौल स्पीति जिला के मुंशी सजे राम, ठाकुर देवी सिंह, ठाकुर शिव चंद, किन्नौर जिला के जंगी राम और भाग सरन जैसे अनेक नायकों ने आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मुख्यमंत्री बुधवार को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय नायकों का योगदान विषय पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि तिलका मजही ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अत्याचारों के विरुद्ध पहाड़िया जनजाति को संगठित कर कंपनी कोष पर आक्रमण किया जिसके लिए उन्हें फांसी की सजा दी गई। भगवान बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश राज खत्म करने के लिए आंदोलन किया। इसी तरह थालाकाल चन्थू, नीलाम्बर, राधो जी भांगरे सहित अनेकों जनजातीय वीरों ने आज़ादी के संग्राम में बढ़-चढ़कर भाग लिया। इन वीर नायकों को कई यातनाएं झेलनी पड़ी। कई स्वतंत्रता सेनानियों को जेल भेजा गया और इनमें से कई वीरों को फांसी की सजा भी हुई।
जय राम ठाकुर ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान हमें ऐसे अनेक स्वतंत्रता सेनानियों की गौरव गाथाओं को जानने का अवसर मिला जो अब तक गुमनाम थे। उन्होंने कहा कि युवाओं को भारत के इतिहास और स्वतंत्रता सेनानियों की जानकारी होना बहुत आवश्यक है। आजादी का अमृत महोत्सव उन महान स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करने का सुनहरा अवसर है जिन्होंने देश की आन बान और शान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के अवसर पर हर घर में तिरंगा फहराने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘हर घर तिरंगा’ अभियान शुरू किया। इस पहल का उद्देश्य लोगों में देशभक्ति की भावना जागृत करना और जनभागीदारी की भावना से आजादी का अमृत महोत्सव मनाना था।