धर्मशाला: 17वीं निर्वासित तिब्बती संसद का चौथा सत्र बुधवार को धर्मशाला में शुरू हुआ। 10 दिवसीय सत्र की अध्यक्षता संसद अध्यक्ष खेंपो सोनम तेनफेल ने की। संसद की उपाध्यक्ष डोल्मा सेरिंग में प्रधानमंत्री पेंपा सेरिंग, मंत्री तथा संसद के सदस्य और संबंधित विभागों के सचिव शामिल रहे।
संसद के चैथे सत्र को संबोधित करते हुए संसद अध्यक्ष खेंपो सोनम तेनफेल ने परम पावन दलाई लामा द्वारा बुधवार सुबह मैकलोड़गंज के मुख्य बौद्ध मठ चुगलाखंग में आयोजित तेनशुग समारोह के दौरान उनके 10-20 वर्षों तक जीवित रहने के संबंध में दिए गए सशक्त प्रतिज्ञानों पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह भी खुशी की बात है कि परम पावन का हाल ही में लद्दाख से लौटते समय दिल्ली में नियमित चिकित्सा परीक्षण हुआ था जिसमें उन्हें पूरी तरह से स्वस्थ घोषित किया गया है।
62वें तिब्बती लोकतंत्र दिवस के हाल के उत्सव पर बोलते हुए हुए, अध्यक्ष ने दलाई लामा द्वारा तिब्बती लोगों को दिए गए तिब्बती लोकतंत्र के लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत और संरक्षित करने के लिए तिब्बती संसद के दृढ़ रुख को दोहराया।
संसद अध्यक्ष ने सत्र में मौजूद सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि औपचारिक रूप से लोगों द्वारा नामित किए जाने वाले सदस्यों की जनता के विश्वास और उनकी रक्षा के लिए एक नैतिक जिम्मेदारी बनती है जिसे पूरी ईमानदारी के साथ निभाया जानाचाहिए। उन्होंने सांसदों के लिए राजनीतिक मार्गदर्शन के रूप में परम पावन की लिखित विरासत की सिफारिश की।
वहीं इससे पूर्व सभी सदस्यों ने कोविड और प्राकृतिक आपदा के चलते अपनी जान खोने वालों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया।