देहरादून: गौरा शक्ति योजना में रजिस्ट्रेशन कराने वालीं लगभग 45,216 महिलाएं पुलिस सुरक्षा में स्वयं ही आ गई हैं। महिला पुलिसकर्मी इन महिलाओं से समन्वय कर उनकी शिकायतों का समाधान करते हुए उन्हें सुरक्षित महसूस कराएं। जनपद के पुलिस अधिकारियों को भी इस अभियान में रिलेशनशिप मैनेजर के रूप में काम करने वालीं महिला पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को नए रूप में चलाने की जरूरत है।
यह बात अपर मुख्य सचिव (गृह) राधा रतूड़ी ने पुलिस मुख्यालय में आयोजित ‘उत्तराखंड पुलिस सप्ताह मंथन-चुनौतियां एवं समाधान’ कार्यक्रम के द्वितीय दिवस में कही। उद्घाटन सत्र में डीआईजी अबूदई सेंथिल कृष्णा राज एस ने गौरा शक्ति के अन्तर्गत की गई कार्रवाई सहित अन्य विषयों पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया।
अपर मुख्य सचिव ने पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं के प्राचार्यों के साथ ही शिक्षा विभाग को भी गौरा शक्ति योजना से जोड़ने और राज्य के सभी गांवों, स्कूल-कॉलेजों में युवाओं के मध्य वृहद स्तर पर इस अभियान को चलाने की आवश्यकता है। प्रत्येक महिला के मोबाइल फोन में उत्तराखंड पुलिस एप व गौरा शक्ति योजना को शामिल कराना भी प्राथमिकता में शामिल होना चाहिए ताकि वे भी अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक हो सकें और पुलिस को अपना अभिन्न सहयोगी मानें।
घरेलू हिंसा केवल पारिवारक मामला नहीं
अपर मुख्य सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि घरेलू हिंसा को केवल पारिवारिक मामला न समझें, अपितु इस सामाजिक समस्या के निवारण हेतु पुरुष पक्ष की भी काउंसिलिंग करें। पुलिस जवानों की आवासीय सुविधा पर सकारात्मक निर्णय लेते हुए उन्होंने बताया कि जवानों के बेहतर जीवन स्तर के लिए जीर्ण-शीर्ण आवासों को निष्प्रयोज्य घोषित कर नये आवासों का निर्माण शुरू कराया जाएगा।
संवाद के क्रम में एसएसपी ऊधमसिंह नगर मंजूनाथ टीसी ने नशे पर नियंत्रण पर हेतु गठित एएनटीएफ के कार्यों हेतु रिवाल्विंग फंड का सुझाव दिया। एसपी पिथौरागढ लोकेश्वर सिंह ने घरेलू हिंसा में पीड़ित की मदद हेतु सेंट्रेलाइज हेल्पलाइन सिस्टम बनाने का सुझाव दिया। एसपी चम्पावत देवेन्द्र पिंचा ने लॉ ऑफिसर एवं साइबर एक्सपर्ट की नियुक्ति की बात रखी।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने पुलिस अधिकारियों द्वारा दिए गए विभिन्न उपयोगी सुझावों पर चर्चा के दौरान बताया कि अपर मुख्य सचिव गृह के निर्देशानुसार एएनटीएफ हेतु रिवाल्विंग फंड तथा प्रत्येक जनपद में लॉ ऑफिसर एवं तकनीकी सहायता हेतु साइबर एक्सपर्ट की संविदा पर नियुक्ति हेतु शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि समस्त जनपदों को गौरा शक्ति अभियान के अंतर्गत महिला हेल्प डेस्क हेतु स्थायी नंबर प्रदान किए जाएंगे।