धर्म-संस्कृतिः हिंदू धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा की तिथि को बेहद ही खास माना जाता हैं जो कि हर माह में एक बार आती हैं अभी सावन का महीना चल रहा हैं और इस माह पड़ने वाली अमावस्या को श्रावणी अमावस्या और हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता हैं जो कि भगवान शिव की पूजा को समर्पित होती हैं। इस दिन शिव पूजा का विधान होता हैं। वही हरियाली अमावस्या पर पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध कर्म और तर्पण करना भी उत्तम माना जाता हैं मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं।
हरियाली अमावस्या पर अगर पवित्र नदी में स्नान करके पितरों का पिंडदान और श्राद्ध किया जाए तो पितरों को मोक्ष मिलता हैं। इसके अलावा इस पवित्र दिन पर पेड़ पौधे लगाना और उनकी सेवा करने से मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। साथ ही सारे कष्ट और दोष भी समाप्त हो जाते हैं। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा हरियाली अमावस्या की तारीख और स्नान दान का शुभ समय बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
हरियाली अमावस्या की तिथि और मुहूर्त—
धार्मिक पंचांग के अनुसार हरियाली अमावस्या की तिथि का आरंभ 16 जुलाई को रात 10 बजकर 8 मिनट से हो रहा हैं वही इसका समापन 18 जुलाई को 12 बजकर 1 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार हरियाली अमावस्या 17 जुलाई को पड़ रही हैं।
इसके अलावा हरियाली अमावस्या के दिन सुबह 5 बजकर 34 मिनट से सुबह 7 बजकर 17 मिनट तक का समय स्नान दान के लिए शुभ माना जा रहा हैं इसके अलावा स्नान दान के लिए दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 1 मिनट से सुबह 10 बजकर 44 मिनट का हैं।